अपने भीतर के खगोल विज्ञान को बाहर लाएं, क्योंकि भारत वर्ष का पहला सूर्य ग्रहण देखने के लिए तैयार है। रविवार, 21 जून को सूर्य ग्रहण होने वाला है। यह घटना तब होती है जब चंद्रमा पृथ्वी और सूर्य के बीच आता है और तीनों वस्तुओं को एक सीधी रेखा में संरेखित किया जाता है। चंद्रमा पृथ्वी से सबसे दूर की कक्षा में है, जिसका अर्थ है कि वह सूर्य को पूरी तरह से कवर नहीं कर पाएगा।
यह सूर्य के सबसे बाहरी रिम को ग्रहण में दिखाई देगा, जो सूर्य ग्रहण के दौरान ‘आग की अंगूठी’ का निर्माण करेगा। वलय की अधिकतम अवधि मात्र 38 सेकंड रहेगी। इस सदी के बीते 20 वर्षों में भारत से 5 सूर्यग्रहण जो 2005, 2006, 2009, 2010, 2019 में नजर आए। जो बात इस ग्रहण को बेहद दुर्लभ बनाती है वह यह है कि इसके बाद भारत से इस शताब्दी में सिर्फ तीन सूर्यग्रहण और दिखाई देंगे वे भी लंबे अंतरालों के बाद।
21 जून को सुबह 9:15 बजे ग्रहण शुरू हो जाएगा और 12:10 बजे दोपहर में पूर्ण ग्रहण दिखेगा। इस दौरान कुछ देर के लिए हल्क अंधेरा सा छा जाएगा। इसके बाद 03:04 बजे ग्रहण समाप्त होगा। यानी यह ग्रहण करीब 6 घंटे लंबा होगा। लंबे ग्रहण की वजह से पूरी दुनिया में इसकी चर्चा हो रही है।
सूर्य ग्रहण के दौरान ध्यान रखें ये बातें-
– बच्चों से लेकर बड़ों तक कोई भी इस ग्रहण को नंगी आंख से न देखें। नासा के अनुसार, सूर्य ग्रहण को देखने के लिए सोलर फिल्टर ग्लास वाले चश्में का इस्तेमाल करें।
-यह भी सलाह है कि घर के बनाए जुगाड़ वाले चश्मे या किसी लेंस से सूर्य ग्रहण न देखें। इससे आपकी आंख पर बुरा असर हो सकता है।
– ग्रहण के वक्त आकाश की ओर देखने से पहले सोलर फिल्टर चश्मा लगाएं और नजर नीचे करने के बाद या ग्रहण समाप्त होने के बाद ही इसे हटाएं।
– एक अमेरिकी संस्था के अनुसार, ग्रहण के वक्त कार/अन्य वाहन न चलाएं।
-लेकिन यदि कोई ग्रहण के वक्त रास्ते में ही है तो वह अपने वाहन की हेडलाइट जलाकर और अन्य वाहनों से कुछ दूरी बनाकर ही वाहन चलाए। ड्राइविंग में विशेष सावधानी बरतने की हिदायत है।
– बच्चों को यदि ग्रहण दिखाने का प्लान बना रहे हैं तो उनकी आखों को बचाने वाले सोलर फिल्टर चश्मे की व्यवस्था जरूर कर लें।