बिहार से जुड़ी हैं प्रणब मुखर्जी की यादें, कांग्रेस के भी संकट मोचक बने थे प्रणब दा

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Former presidentपूर्व राष्ट्रपति भारत रत्न प्रणब मुखर्जी का बिहार से भी निकट का नाता रहा। वो शायद अकेले ऐसे नेता थे, जो लंबे समय तक कांग्रेस और उसके नेतृत्व के लिए संकट मोचक बने रहे। बिहार भी इससे अछूता नहीं है। प्रणब दा के करीबी रहे पूर्व विधान पार्षद रामचंद्र भारती की मानें तो जब कांग्रेस नेतृत्व डा. जगन्नाथ मिश्र को मुख्यमंत्री पद से हटाना चाहता था तो डा. मिश्र अड़ गए थे। कई नेता जब बेअसर रहे तो इंदिराजी ने यह जिम्मा प्रणब मुखर्जी को सौंपा था। रामचंद्र भारती बताते हैं कि तब प्रणब दा पटना आए और उन्होंने डा. जगन्नाथ मिश्र से बात की। उसके बाद वे पार्टी आलाकमान की बात मानने को तैयार हुए थे। रामचंद्र भारती ने हिन्दुस्तान को बताया कि इतना ही नहीं डा. जगन्नाथ मिश्र को केंद्र में मंत्री बनाने में भी डा. प्रणब मुखर्जी की प्रमुख भूमिका रही। कुछ समय पूर्व डा. मिश्र की पुस्तक का विमोचन करने भी वे पटना आए थे।वे बताते हैं कि मुझे विधान पार्षद बनवाने को भी उन्होंने राष्ट्रपति रहते हुए पटना आगमन पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और राज्यपाल जीवाई पाटील से सीधे सिफारिश की थी। वरिष्ठ कांग्रेस नेता और एआईसीसी सदस्य कपिलदेव प्रसाद यादव प्रणब दा को याद करते हुए वर्ष 2004 के लोकसभा चुनाव में वे बंगाल की जंगीपुर लोकसभा सीट से चुनाव लड़े थे। कपिलदेव  कहते हैं कि तब मैं, रामचंद्र भारतीजी और तनवीर हसन जी काफी समय तक उनके चुनाव क्षेत्र में रहे। चुनाव के बाद हम लोग जीत के लिए आश्वस्त थे मगर वे शॉल ओढ़कर गंभीर मुद्रा में बैठे थे। हमारे जीत के दावों को वे अविचलित हुए सुन रहे थे।ranjana pandey