नक्सलियों से पिटाई कराने के आरोपी की पीड़ित युवकों ने 25 साल बाद हत्या करा दी। हत्या की वारदात को अंजाम देने के लिए युवकों ने अपराधी को एक लाख रुपए की सुपारी दी थी। गुरुवार को पुलिस ने मामले का खुलासा कर दिया और इस मामले में तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया है। आरोपियों ने बताया कि मृतक ने नक्सलियों से उनकी पिटाई कराई थी जिससे नाराज होकर उन्होंने सुपारी देकर उसकी हत्या करा दी।
दो जुलाई 2020 की रात अपराधियों ने विनोद की हत्या कर दी थी। उस वक्त पुलिस ने अज्ञात अपराधियों के खिलाफ मामला दर्ज किया था। बाद में पुलिस अधीक्षक अजय लिंडा के निर्देश पर हुसैनाबाद के अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी जीतेन्द्र कुमार के नेतृत्व में एक विशेष टीम का गठन कर जांच शुरू की गई। इस दौरान गांव के ही रामाधार पासवान, चन्द्रदेव पाल और विमलेश पाल (सभी बैराव, टोला नावाडीह हुसैनाबाद, पलामू) को हिरासत में लेकर जब पूछताछ की गई।
तीनों ने स्वीकार किया अपना जुर्म
पुलिस निरीक्षक सह थाना प्रभारी राजदेव प्रसाद ने बताया कि तीनों ने अपने बयान में स्वीकार किया है कि मृतक विनोद पाल ने 29 मई 1995 को नक्सलियों से रामाधार पासवान के भाई, विमलेश पाल और चंद्रदेव पाल की पिटाई कराई थी। मारपीट के कारण रामाधार पासवान के भाई की हार्ट अटैक से मौत हो गई थी। इसी आक्रोश में रामाधार पासवान और चन्द्रदेव पाल ने बदले की भावना से हुसैनाबाद क्षेत्र के अपराधी इंदल पासवान को एक लाख रुपए की सुपारी देकर विनोद पाल की हत्या करा दी।
सुपारी किलर इंदल अब भी पुलिस की गिरफ्त से बाहर है। कुख्यात अपराधी इंदल पासवान को विनोद पाल की हत्या के लिए रामाधार और चंद्रेश्वर पाल ने 50 हजार के रूप में एडंवास दिया। इसके बाद इंदल पासवान दो जुलाई 2020 की रात विनोद पाल को घर से पकड़कर झपही नदी के पास ले गया और फिर राजेन्द्र और अन्य साथियों के साथ मिलकर विनोद की हत्या कर दी। हत्या के बाद रामाधार पासवान और चन्द्रदेव पाल ने बकाया 50 हजार रुपए भी दे दिया। थाना प्रभारी ने बताया कि इंदल पासवान के खिलाफ हुसैनाबाद थाना सहित आस-पास के थाने में भी कई कांड दर्ज हैं। गिरफ्तार तीनों अपराधियों को हुसैनाबाद पुलिस ने जेल भेज दिया है।