विवादित क्षेत्र में स्थिति की जानकारी रखने वाले व्यक्तियों की जानकारी के अनुसार लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) के पास पैंगोंग सो झील और गलवान घाटी में चीनी अपनी सेना के सैनिकों की संख्या तेजी से बढ़ा रही है। साथ ही इसके जरिये चीनी यह संदेश देने की कोशिश कर रहे है कि वह भारतीय सेना के साथ टकराव की स्थिति शीघ्र समाप्त करने के लिए तैयार नहीं है।
जानकारी के अनुसार चीनी पक्ष ने विशेष रूप से गलवान घाटी में अपनी उपस्थिति बढ़ाई है और गत दो सप्ताह में लगभग वो सौ टेंट लगा चुके है । कोरोना महामारी के चलते भारतीय सेना की कड़ी आपत्ति में है लेकिन इसके बावजूद चीन क्षेत्र में बंकर बनाने के लिए आवश्यक मशीनें ला रहा है। बढ़ते हुए तनाव के बीच भारतीय सेना प्रमुख जनरल एम एम नरवणे ने लेह स्थित 14वीं कोर के मुख्यालय का शुक्रवार को दौरा किया और सेना के उच्च अधिकारियों के साथ एलएसी के पास क्षेत्र में सुरक्षा स्थिति की समीक्षा की।
सैन्य सूत्रों ने कहा कि पैंगोंग सो झील और गलवान घाटी में भारतीय सेना चीनी सेना के मुकाबले में कहीं ज्यादा बेहतर स्थिति में है। पूर्वी लद्दाख में पांच मई की शाम को लगभग 250 भारतीय और चीनी सैनिकों के बीच हुई हिंसक झड़प के बाद स्थिति खराब हो गई थी। सौ भारतीय और चीनी सैनिक घायल हो गए थे। पिछले एक सप्ताह में लद्दाख के पूर्वी क्षेत्र में चीनी सैनिकों ने कई बार अतिक्रमण करने का प्रयास किया। इस पर प्रतिक्रिया देने की आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई।