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सुश्री भक्ति शर्मा ने अपने गाँव के विकास के लिए छोड़ी अमेरिका की नौकरी

देश के युवा जहां विदेश में अच्छे पैकेज़ पर नौकरी करने का सपना देखते है वहीं देश की एक लड़की ने अमेरिका की अच्छी खासी नौकरी छोड़कर देश में अपने गांव के लिए कुछ करने ठानी है। जिला भोपाल, मध्यप्रदेश के एक छोटे से गाँव बरखेड़ी अब्दुल्ला ग्राम पंचायत की सरपंच भक्ति शर्मा एक ऐसी युवती हैं जिन्होंने अमेरिका के टेक्सास शहर की अपनी अच्छी-खासी नौकरी छोड़ समाज सेवा को ही अपने जीवन का लक्ष्य बनाया और आज अपने गाँव की तस्वीर ही बदल दी है। इनके इस समर्पण और सेवा भाव से इनका नाम देश की विशिष्ट महिलाओं की सूची में नाम दर्ज हो चुका है।

भक्ति शर्मा अमेरिका में नौकरी करते हुए जब भी भारत आती थी तो अपने गाँव की दयनीय हालत उनसे देखी नहीं जाती थी। एक बार की घटना ने इन्हें भीतर से झकझोर दिया। गाँव के एक ग़रीब किसान ने बड़ी ही आशा भरी निगाहों से इन्हें देखते हुए सौ रुपये इनके हाथों में थमा दिये। घर आकर वे इसी विचार में डूब गयी की उस किसान ने आखिर मुझमे ऐसा क्या देखा, ऐसी कौन से उम्मीद लगाई की इतनी मुश्किलों से कमाए पैसे मुझे दे दिए ?

हालाँकि उस किसान के मर्म को वे जल्द ही समझ गयी और उसी समय भक्ति ने निश्चय किया कि शीघ्र ही वे अपने गाँव आकर पूरी तरह ग्राम वासियों को अपना जीवन समर्पित कर देंगी।

आज अपने इसी निश्चय के साथ भक्ति अमेरिका के आधुनिक परिवेश में रहने के बावजूद गाँव के सरपंच के रूप में एक सीधा सादा जीवन व्यतीत करती हुई बड़ी ही निर्भीकता से सम्बंधित अधिकारीयों से मिलजुल कर ग्राम विकास में अपना योगदान दे रही हैं।

इनकी हमेशा यही कोशिश रहती है की सरकारी योजनाएं सही तरीके से लागू हो और उनका लाभ जल्द से जल्द इनके गाँव को मिले। अपने गाँव में इन्होंने आदर्श आंगनवाड़ी से लेकर हर गली में सोलार स्ट्रीट लाइटों की सुविधा प्रदान की है। गाँव में जन्मी हर बेटी के नाम से ये दस-दस पौधे लगाती हैं और उस परिवार की आर्थिक सहायता भी करती हैं। इन्होंने हर किसान की खेती का बीमा कराया है, हर ग्रामवासी का राशन कार्ड बनवाया है, बैंक के खाते खोले और उनके स्वास्थ्य कार्ड भी बनवाये। आज इनके पंचायत में कोई भी बच्चा कुपोशित नहीं है। ये हमेशा ग्रामवासियों की सम्मिलित बैठक से ही अपने गाँव की प्रगति के लिए कदम उठाती हैं। युवाओं को इन्होंने नशीली पदार्थों से दूर रखा और उनकी आतंरिक शक्ति को एक सकारात्मक ऊर्जा देकर उन्हें कारोबार शुरू करने में मदद की है।

भक्ति शर्मा ने आज समूचे गाँव में एक ऐसी जागरूकता पैदा कर दी है जिससे वे अपने समाज के प्रगति के प्रति सजग हो चुके हैं। भक्ति ने एक ऐसी मुहीम शुरू की है जिससे शहरों में रहने वाले लोग गाँव की सभ्यता से अच्छी तरह परिचित हो जाएँ। उन्हें समय-समय पर ग्रामवासियों से व्यक्तिगत तौर पर मिलवाया जाता है ताकि दोनों के बीच एक समन्वय बन सके। इनकी इस कोशिश से जहाँ शहरी लोगों ने ग्राम वासियों को नज़दीक से समझा है, वहीँ दूसरी ओर ग्रामवासियों ने भी बहुत सी बातों को समझते हुए अपने आप में अभूतपूर्व परिवर्तन लाया है।

भक्ति शर्मा ने आज समाज को अपनी लीक से हटकर सोचने पर सक्षम बना दिया है। स्टीव जॉब का उदहारण देती हुई वे कहती है की अगर आप अपने सपनों को पूरा नहीं करेंगे तो कोई और आपको नौकर बनाकर अपने सपनो को पूरा करवा लेगा। इसलिए भक्ति शर्मा ने ग्रामीण स्तर से शुरुआत कर आज देश की बहुमुखी उन्नति के लिए स्वयं को पूरी तरह समर्पित कर दिया है।

# Theodore Kiro #

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