पूर्व राष्ट्रपति भारत रत्न प्रणब मुखर्जी के निधन पर राज्य सरकार ने 31 अगस्त से अगले सात दिनों (छह सितंबर) तक के लिए राजकीय शोक की घोषणा की है। राजकीय शोक की अवधि में राष्ट्रीय ध्वज उन सभी भवनों पर आधा झुका हुआ रहेगा, जहां नियमित रूप से यह फहराया जाता है। साथ ही इस अवधि में कोई भी राजकीय समारोह एवं सरकारी मनोरंजन से संबंधित कार्यक्रम नहीं होंगे। मंत्रिमंडल सचिवालय विभाग ने इसकी अधिसूचना जारी कर दी है। CM नीतीश से आत्मीय संबध के कारण कई बार प्रणब मुखर्जी पटना आये
पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी का बिहार से काफी लगाव था। उनके इस लगाव को राज्य के लोग कभी भूल नहीं पाएंगे। राजनीति में वह प्रणब दा के रूप जाने जाने थे। सक्रिय राजनीतिक जीवन में तो उनका बिहार आना-जाना पहले भी होता था। लेकिन राष्ट्रपति बनने के बाद पांच साल में भी उन्होंने कई बार बिहार की यात्रा की। मुख्यमंत्री नीतश कुमार से उनके आत्मीय संबंध थे। यही कारण है कि मुख्यमंत्री अपनी सबसे महत्वाकांक्षी योजना पहले कृषि रोड मैप का उदघाटन श्री मुखर्जी के हाथों कराया था। इतना ही नहीं उनके राष्ट्रपति के कार्यकाल में जितने भी बड़े सरकारी कार्यक्रम हुए उनमें मुख्यमंत्री ने प्रणब दा को जरूर याद किया।बिहार से उनके लगाव का अंदाजा इस प्रकार लागया जा सकता है कि राष्ट्रपति के कार्यकाल के अंतिम साल में वह तीन बार पटना आये। वर्ष 2017 में उनकी तीनों यात्राएं अमिट छाप छोड गईं। उस वर्ष मार्च में प्रणव दा आद्री के सिल्वर जुबली कार्यक्रम में आये थे। महात्मा गांधी की चम्पारण यात्रा के शताब्दी समारोह के दौरान देशभर के स्वतंत्रता सेनानियों को सम्मानित करने का आग्रह मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने उनसे किया तो प्रणव दा व्यस्तता के बावजूद इसको टाल नहीं सके। लिहाजा, ठीक एक महीने बाद ही यानी अप्रैल 2017 में वह फिर पटना आये। उस समय उन्होंने श्रीकृष्ण मेमोरियल हॉल में देशभर से पहुंचे स्वतंत्रता सेनानियों को सम्मानित किया। फिर उसी साल राजगीर में अंतर्राष्ट्रीय बौद्ध महोत्सव कार्यक्रम में भी प्रणब दा बतौर उद्घाटनकर्ता बिहार पहुंचे। ranjana pandey