कोरोना के संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए पुरे देश में लॉकडाउन कर दिया गया है । अमीर लोगो के लिए तो ये एक अवसर है अपने परिजनों के साथ कुछ समय बिताने का परन्तु वही दूसरी ओर समाज के गरीब तबके के लोगो के लिए ये लॉक डाउन बड़ी समस्या बन कर खड़ा होगया है। रोज़ कमा कर खाने वाले लोगो के सामने बहुत बड़ा संकट आ चूका है । बहुत सारे मज़दूर अपने गांव घरो को छोड़ कर देश के अलग अलग प्रान्त में काम करते है ,अब इस लॉक डाउन की स्थिति में सभी लोग अपने घर वपर आना चाह रहे है। मगर घर वापसी में भीगरीब लोगो को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है ।
हरियाणा के बल्लभगढ़ से 10 मजदूर 60 घंटे का कठिन सफर तय कर अपने घर यूपी के देवरिया जिले के बघौचघाट रविवार की सुबह पहुंचे।उन मज़दूरों ने अपने गांव तक का सफर भूखे-प्यासे तय किया , उनको अपने गांव तक पहुंचने के लिए 800 किलोमीटर की दुरी तय करनी थी जिसके लिए उनलोगो ने 100 किलोमीटर से भी अधिक पैदल चला। इस यात्रा में मज़दूरों की मेहनत ही नहीं बल्कि उनके खून पसीने की कमाई के 1200 -1200 रूपए भी खर्च हुए ।
ये कहानी सिर्फ उन 10 मज़दूरों की ही नहीं है अपितु हर उस इंसान की है जो अपने घर वापस आने की जददो जेहत में जुटा है। कुछ की तो यात्रा अपने मंज़िल तक पहुंच गई है मगर कई यात्री ऐसे भी है जो भूखे प्यासे अपने गंतव्य की ओर पैदल चले जा रहे है ।