Messing with the future of the children of Jharkhand is not tolerated
झारखण्ड के चहुमुखी विकास के लिए झारखंड सरकार लगातार प्रयासरत है और लगातार हर क्षेत्र में सख्ती से नियमो को लागू भी कर रही है , मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के नेतृत्व में झारखंड सरकार लगातार शिक्षा के क्षेत्र से जुड़े कई योजनाओं को लानेके साथ साथ उन योजनाओं को अमली जामा पहनाने के लिए डायरेक्ट छात्रों को योजनाओं से जोड़ रही है , इसके लिए स्कूलों और कॉलेजों को सख्त निर्देश भी दिए गए है , साथ साथ ऑनलाइन के माध्यम से भी छात्र आज अपने हक और अधिकार को प्राप्त कर रहे है I
वही अब गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के लिए हर जिले के पदाधिकारियों को निर्देश दिए गए है की वे प्रत्येक महीने स्कूलों में खुद पहुंचे और सारी परिस्थितियों का जायजा ले I इसके लिए स्कूली शिक्षा , साक्षरता विभाग , झारखंड शिक्षा परिषद के पदाधिकारियों को निर्देश भी दे दिए गए है I 24 जिलों के निदेशकों ओर अवर सचिवों को जिम्मेदारी दी गई है कि कम से कम एक बार महीने में पदाधिकारियों को स्कूलों में निरीक्षण के लिए जाना जरूरी है ताकि स्कूलों का तथा स्कूलों से जुड़े योजनाओं का निरीक्षण कर मासिक रिपोर्ट ओर कर्मचारियों से कर्मचारियों की भी पड़ताल की जाएगी और इस रिपोर्ट को शिक्षा विभाग को सौंपी जाएगी ताकि किसी तरह की कसर न रहे I यहां तक की स्कूली शिक्षा विभाग के सचिव के० रविकुमार प्रत्येक सप्ताह किसी ने किसी जिले के स्कूल में औचक निरीक्षण कर रहे है जिसमे उन्हे कई तरह की कमियां स्कूलों में देखने को भी मिली है इसलिए उन्होंने जिला एवं प्रखंड स्तर के पदाधिकारियों को भी निर्देश दिए है की आप अपने क्षेत्र के स्कूलों में भ्रमण करे और जो दिक्कतें और परेशानियां है उसे विभाग के सामने लाए I जांच करने के कुछ बिंदुओं को भी स्पष्ट किया गया है जैसे: स्कूल में जो शिक्षक पढ़ाते है उनकी आवाज स्पष्ट है या नही , बच्चो तक उनकी आवाज पहुंचती है या नही I शिक्षक बच्चो को पाठ्यक्रम के अनुसार पढ़ाते है या नही I स्कूलों की घंटी बजती है या नहीं I इसके आलावा शिक्षक बच्चो से कैसा बरताव रखते है , सही समय में बच्चे या शिक्षक स्कूल आते है या नहीं I मतलब साफ है झारखण्ड की झारखंड की शिक्षा व्यवस्था को लेकर सरकार ने अपनी कमर कस ली है की अब झारखंड के नौनिहालों के भविष्य के साथ कोई खिलवाड़ नहीं करने दिया जाएगा I अच्छे भवन और इंफ्रास्ट्रक्चर के साथ साथ सही मॉनिटरिंग भी जरूरी है , अब कोई समझौता करने के मूड में नहीं है सरकार क्योंकि जब बच्चे पढ़ेंगे उनका भविष्य अच्छा होगा तभी किसी राज्य या देश का भविष्य भी उज्ज्वल हो पाएगा
Messing with the future of the children of Jharkhand is not tolerated
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