बिहार विधानसभा चुनाव से पहले जन अधिकार पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष पप्पू यादव ने सत्ताधारी गठबंधन को आड़े हाथों लिया. उन्होंने उपमुख्यमंत्री सुशील मोदी के बारे में कहा कि उन्हें ‘लालू फोबिया’ हो गया है. साथ ही, उन्होंने गुरुवार को प्रेस कांफ्रेंस कर महागठबंधन के भीतर बढ़ रही ‘दरार’ पर चिंता ज़ाहिर की. उनकी इस चिंता को आरजेडी पर परोक्ष हमला माना जा रहा है.
पप्पू यादव ने कहा कि जैसे-जैसे विधानसभा चुनाव नजदीक आता जा रहा है महागठबंधन में दरारें पड़ती जा रही हैं. उन्होंने कहा कि महागठबंधन के बड़े नेताओं रघुवंश प्रसाद सिंह, उपेद्र कुशवाहा, शरद यादव और मुकेश सहनी की उपेक्षा हो रही है. आरजेडी से अलग होकर जन अधिकार पार्टी बनाने वाले यादव ने कहा कि बिहार की जनता जानना चाहती है कि आखिर वो कौन पार्टियां है जो महागठबंधन को कमज़ोर कर रही हैं. कांग्रेस राष्ट्रीय पार्टी है. इसलिए कांग्रेस के नेताओं को अपने दल की ताक़त को समझना चाहिए और बिहार में नेतृत्वकर्ता की भूमिका में आना चाहिए. उन्होंने कहा कि मैं कांग्रेस का समर्थन करने के लिए तैयार हूं. नेतृत्व की कमान किसी अतिपिछड़ा या दलित नेता को मिलनी चाहिए. पप्पू यादव ने कहा कि सुशील मोदी लालू फोबिया के शिकार है. अपने ट्वीट में सिर्फ लालू यादव की बात करते हैं. वे पिछले पांच वर्षों में किए गए अपने कार्यों का लेखा-जोखा बताएं सृजन घोटाला, बालू माफियाओं के साथ संबंध और उनका भाई रियल एस्टेट का इतना बड़ा कारोबारी कैसे बना. इन सब के बारे में सुशील मोदी बिहार की जनता को बताएं.
सवाल करते हुए पप्पू यादव ने कहा कि 15 साल सत्ता में रहने के बाद भी बिहार देश का दूसरा सबसे ग़रीब राज्य क्यों है. गरीबी मिटाने में बिहार 27 राज्यों में 26वें पायदान पर है. पटना देश का सबसे प्रदूषित शहर है. राज्य के 80 फीसदी सरकारी स्कूलों में शौचालय नहीं है. पप्पू यादव ने कहा कि बिहार में अपराध और भ्रष्टाचार चरम पर है. यहां राष्ट्रपति शासन की जरूरत है और आगामी विधानसभा चुनाव राष्ट्रपति के देख-रेख में ही होनी चाहिए.ranjana pandey