बिहार कैबिनेट ने बड़ा निर्णय लेते हुए प्रदेश के नियोजित शिक्षकों की सेवा शर्त नियमावली को मंजूरी देेते हुए शिक्षकों की अधिकतर मांगों को मान लिया गया है। सरकार के इस फैसले से करीब पौने चार लाख शिक्षकों को फायदा मिलने वाला है। नीतीश के कैबिनेट के इस फैसले के साथ ही शिक्षकों को प्रोन्नति, स्वैच्छि स्थानंतरण समेत कई सुविधाओं का अब लाभ मिल सकेगा। इसके साथ ही सरकार ने वेतन में भी 22 फीसदी का इजाफा कर दिया है, जिसका लाभ एक अप्रैल 2021 से मिलेगा। कैबिनेट के इस फैसले से सरकार के खजाने पर 2765 करोड़ रुपये का बोझ बढ़ेगा। फिलहाल शिक्षकों के वेतन मद में 820 करोड़ रुपये खर्च आता है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में हुई बैठक में कुल 28 प्रस्तावों को मंजूरी दी गई है।
मिली जानकारी के अनुसार वेतन वृद्धि 15 से 22 प्रतिशत तक की गई है जिसमें वरिष्ठता के आधार पर निर्णय किया जाएगा। शिक्षकों को मिलने वाले लाभ में ईपीएफ के तौर पर 12-12 फीसदी का अंश 12 फीसदी सरकार अपने हिस्से से देगी। अब बिहार के नियोजित शिक्षक किसी कोने में ट्रांसफर ले सकेंगे। इसके साथ ही संयुक्त सीमित परीक्षा के माध्यम से प्रोमोशन का भी लाभ मिलेगा। वहीं, शिक्षक की मौत के बाद परिजनों को मिलेगा अनुकंपा पर नौकरी भी मिल सकेगी। कैबिनेट ने एक और अहम निर्णय लेते हुए खिलाड़ियों को भी नौकरी मिलने का रास्ता साफ कर दिया। कैबिनेट ने खिलाड़ी नियुक्ति नियमावली संसोधन 2020 पर भी मुहर लगा दी जिसके तहत भारी संख्या में खिलाड़ियों की भर्ती की जाएगी।