जमीन घोटाला मामले में आज प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को तीसरी नोटिस जारी कर 9 सितंबर को पूछताछ के लिए एयरोपर्ट स्थित मुख्य कार्यालय में ईडी के दफ्तर पेश होने को कहा है .इससे पहले सोरेन ने सुप्रीम कोर्ट में जो याचिका दायर की जिसके विरोध में ईडी ने सुप्रीम कोर्ट में कैविएट दाखिल की है.अब मामले में सूत्रों ने जानकारी दी है कि हेमंत सोरेन ने सुप्रीम कोर्ट से अपील कर कहा है कि ईडी को उनके खिलाफ किसी तरह की पीड़क कार्रवाई ना करने का आदेश दें। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा है कि ईडी को पूछताछ के दौरान ही किसी को गिरफ्तार करने का अधिकार है। ईडी की करवाई को सरकार को अस्थिर करने की विपक्ष की साजिश बताते हुए हेमंत सोरेन ने सुप्रीम कोर्ट से अपील करते हुए कहा है की ईडी के समन से गिरफ्तारी का डर बना रहता है।मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा अवैध खनन के मामले में ईडी के सामने पेश होकर सभी सवालों का जवाब दिया था। संपत्तियों का पूरा ब्योरा दिया था। इसके बावजूद भी ईडी ने फिर समन भेजा है। राजनीतिक मतभेद के कारण से यह कार्रवाई हो रही है।
मालूम हो की भूमि घोटाला मामले में ईडी ने सबसे पहले 14 अगस्त को हेमंत सोरेन को तलब किया था. ईडी के पहले समन पर मुख्यमंत्री पेश नहीं हुए थे. उन्होंने समन को असंवैधानिक और दुर्भावना से प्रेरित बताया था और समन वापस लेने को कहा था. मुख्यमंत्री ने यह भी कहा था कि वह ईडी के खिलाफ कोर्ट जाएंगे. इसके बाद ईडी ने दूसरा समन भेजा और उन्हें 24 अगस्त को पेश होने को कहा. इस तारीख पर भी वह पेश नहीं हुए. उन्होंने ईडी को पत्र लिखकर कहा कि वह सुप्रीम कोर्ट गए हैं. अब वे कोर्ट के फैसले के मुताबिक आगे बढ़ेंगे.सोरेन ने ईडी पर आरोप लगाते हुए कहा है कि ईडी केंद्र सरकार के इशारे पर काम कर रही है और लोकतांत्रिक तरीके से चुनी हुई सरकार को अस्थिर करने की कोशिश कर रही है. ईडी को दिए अपने जवाब में मुख्यमंत्री ने यह भी कहा है कि वह पहले ही अपनी आय-व्यय और चल-अचल संपत्ति का पूरा ब्योरा ईडी को सौंप चुके हैं. इसके बावजूद सरकार को बदनाम करने के लिए उन्हें बुलाया गया है.
सीएम का SC से अनुरोध :समन से बना रहता है गिरफ्तारी का डर,ईडी को पीड़क कार्रवाई ना करने का दें आदेश

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