एक घायल, खून से लथपथ साधु की तस्वीरों का एक सेट सोशल मीडिया पर वायरल है। पोस्ट और ट्वीट्स का दावा है कि हिंदू तपस्वी की हत्या “बांग्लादेशी प्रवासियों” ने वृंदावन में की थी। उनका यह भी सुझाव है कि घटना को “मुसलमानों द्वारा हिंदू साधु की हत्या” के रूप में सांप्रदायिक रूप से प्रेरित किया गया था। विकास गौड़ नमक एक व्यक्ति जो आरटीआई कार्यकर्ता के रूप में अपनी पहचान रखते हैं,वो इस दावे को बढ़ावा देने वालों में से एक थे।
इस घटना की सच्चाई जानने के लिए The News Mirchi, Alt News के वेब पोर्टल पर गई तो सारी सच्चाई खुल कर सामने आई ।
मथुरा पुलिस ने ट्वीट कर लिखा है कि वृंदावन पुलिस ने आवश्यक जांच शुरू कर दी है, जबकि साधु को मेडिकल जांच के लिए भेजा गया है ।
हालाँकि यह ट्वीट हमले का विवरण नहीं देता है लेकिन यह इस बात का प्रमाण है कि साधु की हत्या नहीं हुई थी।आगे का विवरण मथुरा पुलिस के एक अन्य ट्वीट में पाया गया की “बांग्लादेशी हमलावरों की खबर असत्य है।” इसमें आगे कहा गया है कि गौड़ीय गणित में एक व्यक्तिगत विवाद ने हमले को बढ़ावा दिया था ।
वृंदावन में गौड़ीय गणित, पूर्व अध्यक्ष तामल दास और वर्तमान अध्यक्ष बीपी साधु के अनुयायियों में झगड़ा हुआ, जिसके कारण दास को चोटें आईं। पुलिस ने गिरफ्तार किए गए मुख्य आरोपी के रूप में सचिननाद की पहचान की है। फरार होने वाले दो अन्य लोग गोविंदा और जगन्नाथ हैं। जांच के दौरान एक सुरक्षा गार्ड गोविंद सिंह का नाम भी सामने आया है। अधिकारी ने यह भी कहा कि मामले में कोई प्राथमिकी दर्ज नहीं की गई है।