विकास कुमार गुप्ता नामक शख्स ने झारखंड सरकार के आदिवासी कल्याण सह परिवहन मंत्री चंपई सोरेन , विधानसभा अध्यक्ष रबिन्द्र नाथ महतो , मंत्री भोक्ता सत्यानंद, स्वास्थ मंत्री बन्ना गुप्ता से मडाड की गुहार लगाते हुए सूचित किया कि कसमार के रहने वाले राष्ट्रीय तीरंदाज खिलाड़ी दीपक और आयुष जन्म प्रमाण पत्र बनाने के लिए काफी परेशान है 21 और 29 सितंबर को तीरंदाजी चैंपियनशिप मैं भाग लेने के लिए जन्म प्रमाण पत्र की काफी सख्त जरूरत है। जिसके बाद मंत्री चंपई सोरेन ने बोकारो डीसी को दीपक और आयुष कि मडाड के लिए निर्देश जारी किया। जिसके पश्चात् बोकारो डीसी ने बेरमो एसडीओ/कसमार बीडीओ को जरूरी निर्देश दिया। संज्ञान में आने के बाद मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के निर्देश और साथ ही मंत्री चम्पई सोरेन के ट्वीट के पश्चात घन्टो में समस्या का समाधान हुआ।दीपक कर्मकार एवं आयुष कुमार का जन्म प्रमाण पत्र निर्गत कर दिया गया।
क्या है मामला
राज्य सरकार ने जन्म प्रमाण पत्र निर्गत करने की समय सीमा 15 दिन निर्धारित की है, लेकिन कसमार प्रखंड का हाल कुछ अलग है. यहां 15 महीने में भी जन्म प्रमाण पत्र निर्गत नहीं हो पाने का मामला प्रकाश में आया है. राष्ट्रीय खिलाड़ी दीपक कर्मकार और आयुष कुमार के पिता करण कर्मकार जो कि खुद भी एक राष्ट्रीय तीरंदाज हैं ,ने बताया कि उन्होंने अपने दोनों पुत्रों दीपक (9 वर्ष) एवं आयुष कुमार ( 6 वर्ष) के जन्म प्रमाण पत्र के लिए पांच जुलाई 2022 को प्रखंड कार्यालय में आवेदन जमा किया था. पंचायत आवेदन को प्राप्त किया. करण ने बताया कि इतने समय बाद भी उनके बेटों के जन्म प्रमाण पत्र नहीं बन पाया है. उन्होंने बताया कि इस संदर्भ मैं श्री तुरी से बात की तो कहा कि ब्लॉक में पता लगा लें. ब्लॉक कार्यालय में पता चला कि पंचायत सेवक ने आवेदन प्राप्त तो किया था, पर रिपोर्ट जमा ही नहीं की है. करण ने बताया कि किसी वजह से आवेदन रद्द होने पर ब्लॉक के रजिस्टर में उसका उल्लेख किया जाता पत्र की सख्त जरूरत है. लेकिन, प्रमाण-पत्र निर्गत कर दिया जायेगा. है. लेकिन, उनके मामले में ब्लॉक के रजिस्टर में उनका आवेदन रद्द होने का जिक्र नहीं कसमार प्रखंड कार्यालय की रही बात दुर्व्यवहार की तो बार-बार है. श्री कर्मकार के अनुसार, पुनः पंचायत सेवक से फोन पर जानकारी लेने का प्रयास कार्यशैली से बच्चों को इसमें भाग फोन किये जाने पर मैने उनसे सामने किया गया तो उन्होंने अभद्र व्यवहार किया. बात करने से इनकार किया और डांटते हुए फोन काट दिया. दोबारा प्रयास करने पर भी ऐसा ही सलूक किया. करण ने बताया कि इसका असर बच्चों के खेल उन्होंने अपना परिचय भी दिया, उसके बावजूद रोजगार सेवक ने अभद्र व्यवहार किया.


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