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जगन्नाथ पुरी यात्रा निकालने के पक्ष में केंद्र, SC ने आदेश जारी करने के लिए लिया समय

कोरोना वायरस संक्रमण की वजह से पुरी रथ यात्रा पर रोक के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में कई याचिकाएं डाली गई है. इन याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई शुरू हो गई है. सीनियर एडवोकेट हरीश साल्वे रथयात्रा पर रोक लगाने की याचिका दायर करने वाली ओडिशा विकास परिषद की पैरवी कर रहे हैं.

पुरी में भगवान जगन्नाथ रथ यात्रा मामले में केंद्र सरकार ने जस्टिस अरुण मिश्रा की बेंच के सामने केस को मेंशन किया. सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि केवल वे लोग जिनका कोविड टेस्ट नेगेटिव आया है और भगवान जगन्नाथ मंदिर में सेवायत के रूप में काम कर रहे हैं, वो अनुष्ठान का हिस्सा हो सकते हैं.

सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि सदियों से चली आ रही एक रस्म को बाधित नहीं किया जाना चाहिए. वहीं, ओडिशा सरकार ने कहा कि जन भागीदारी के बिना रथ यात्रा आयोजित की जा सकती है. केंद्र ने कहा कि हालात को देखते हुए कदम उठाए जा सकते हैं. राज्य सरकार यात्रा के दौरान कर्फ्यू लगा सकती है ताकि लोग सड़कों पर ना उतर पाएं.

सुनवाई के दौरान याचिककर्ता के वकील हरीश साल्वे ने कहा कि अगर सरकार पूरे एहतियात के साथ रथयात्रा आयोजित करे तो उनको कोई आपत्ति नहीं. इस पर कोर्ट ने आदेश जारी करने के लिए समय लिया है.

सुप्रीम कोर्ट ने रथ यात्रा पर लगाई है रोक

18 मार्च को सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश एस ए बोबड़े ने इस मामले में सुनवाई करते हुए कहा था कि अगर इस हालत में रथ यात्रा की इजाजत दी जाती है तो भगवान भी माफ नहीं करेंगे.

इस बीच ओडिशा सरकार ने जनभावनाओं को ध्यान में रखते हुए कहा है कि वो इस मामले में लोगों की भावनाओं के अनुरुप कार्रवाई करेगी.

गुरुवार को इस रथ यात्रा पर रोक लगाए जाने के बाद राज्य सरकार पर कई संगठनों का दबाव है कि रथ यात्रा शुरू करने के लिए सुप्रीम कोर्ट में उचित कानूनी कार्रवाई की जाए.

बता दें कि रथ यात्रा के शुरू होने में अब कुछ ही घंटे का समय बचा है. मुहुर्त के मुताबिक 23 जून यानी कि मंगलवार से रथ यात्रा की शुरुआत होनी है.

इस बीच ओडिशा सरकार के कानून विभाग ने कहा है कि गजपति महाराज दिव्य सिंह देव की अपील पर ओडिशा सरकार सुप्रीम कोर्ट में उचित कदम उठाएगी.

ओडिशा सरकार की ये प्रतिक्रिया तब आई है जब गजपति महाराज ने सरकार से अपील की है कि 18 जून के सुप्रीम कोर्ट के फैसले में संशोधन के लिए राज्य सरकार एक नई याचिका अदालत में दाखिल करे.

गजपति महाराजा दिव्य सिंह देव पुरी के महाराजा माने जाते हैं. गजपति महाराज को भगवान जगन्नाथ का प्रथम सेवक भी कहा जाता है, साथ ही प्रथम सेवक को पुरी का ठाकुर राजा भी कहते हैं. वह जगन्नाथ मंदिर समन्वय समिति के चेयरमैन भी हैं.

बता दें कि रथ यात्रा की इजाजत देने की मांग को लेकर सुप्रीम कोर्ट में कई याचिकाएं दायर की गई हैं. इन याचिकाओं में अदालत से प्रार्थना की गई है कि रथ को श्रद्धालु न खींच कर मंदिर के सेवाइत और पुलिस अधिकारी खीचें, ताकि भीड़ न हो सोशल डिस्टेंसिंग का पालन भी हो सके.

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