बिहार विधानसभा चुनाव : जेडीयू के खिलाफ उम्मीदवार उतारने की सोच रही है लोक जनशक्ति पार्टी

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Nitish Kumarबिहार में सत्तारूढ़ राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) में पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी के शामिल होने की घोषणा के साथ खींचतान शुरू हो गई है. एनडीए में शामिल लोक जनशक्ति पार्टी (लोजपा) ने अपनी राज्य ईकाई की एक बैठक अगले हफ्ते बुलाई है. पार्टी सूत्रों के मुताबिक 7 सितंबर को होने वाली इस बैठक का मुख्य एजेंडा जेडीयू के खिलाफ उम्मीदवार उतारना होगा.चिराग पासवान के नेतृत्व वाली लोजपा अबतक बीजेपी पर निशाना साधने से बचती आई है, यहां तक कि उसने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व की सराहना की है. लेकिन नीतीश कुमार पर निशाना साधने का कोई भी मौका वह हाथ ने नहीं जाने देती है.  लोजपा के एक नेता ने कहा, ”हम उन सीटों पर अपने उम्मीदवार खड़ा करने की सोच रहे हैं, जहां से जेडीयू चुनाव लड़ेगी.”

चिराग पासवान ने इस पर कोई प्रतिक्रिया तो नहीं दी लेकिन कहा कि उनकी पार्टी इस संबंध में उचित समय पर फैसला लेगी. उन्होंने कहा, ”मेरा ध्यान चुनाव के लिए मेरी पार्टी की तैयारियों पर लगा हुआ है. पार्टी के हित में जो भी फैसला लिया जाएगा, वह उचित समय पर लिया जाएगा.”
जीतन राम मांझी के नेतृत्व वाले हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा (सेक्युलर) के एक प्रवक्ता ने बुधवार को कहा कि उनकी पार्टी एनडीए में शामिल होगी. मांझी नीतीश कुमार से मिलते रहते हैं, जिन्होंने अपने पुराने विरोधी को एऩडीए में शामिल कराने के लिए तैयार किया है.

एनडीए की एक प्रमुख सहयोगी बीजेपी ने पहले ही घोषणा कर रखी है कि नीतीश कुमार ही गठबंधन की ओर से मुख्यमंत्री पद के दावेदार होंगे.लोजपा के संस्थापक राम विलास पासवान केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार में मंत्री हैं. लोजपा के रिश्ते नीतीश कुमार के नेतृत्व वाले जेडीयू से कभी भी ठीक नहीं रहे हैं. मांझी के एनडीए में शामिल होने की घोषणा ने इस मनमुटाव को और बढ़ा दिया है. मुसहर जाति से आने वाले मांझी अपने आपको दलितों के नेता के तौर पर पेश करने के लिए लोजपा नेतृत्व पर हमला करते रहते हैं.

हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा (सेक्युलर) का चुनावों में प्रदर्शन हालांकि बहुत ही खराब रहा है. साल 2015 के चुनाव में उनकी पार्टी ने बीजेपी के साथ मिलकर चुनाव लड़ा था. उसे केवल एक सीट ही मिली थी. वहीं आरजेडी और कांग्रेस के नेतृत्व वाले महागठबंधन में उसने 2019 का लोकसभा चुनाव लड़ा था. लेकिन उसे किसी सीट पर सफलता नहीं मिली लोजपा को लगता है कि नीतीश कुमार एनडीए में माझी की पार्टी को उसे किनारे लगाने के लिए शामिल करवा रहे हैं. जबकि एनडीए में दलितों की पहचान वाली वह मुख्य पार्टी है.

इन दोनों दलों के झगड़े में किसी का पक्ष लेने से बीजेपी अबतक बचती रही है. उसने इन मतभेदों से किनारा किया है. उसने जोर देकर कहा है कि एनडीए में कोई झगड़ा नहीं है और यह गठबंधन अक्तूबर-नवंबर में होने वाले विधानसभा चुनाव मिलकर लड़ेगा
एनडीए के सहयोगियों में असली खींचतान सीटों के बंटवारे को लेकर होगी. बिहार विधानसभा में 243 सीटें हैं.

जेडीयू का कहना है कि उसका परंपरागत गठबंधन बीजेपी के साथ है और वह सीट बंटवारे को लेकर लोजपा से सीधे तौर पर कोई बात नहीं करेगी. वहीं बीजेपी इन दोनों दलों के झगड़े को बहुत महत्व नहीं देती है. बीजेपी के एक सूत्र ने कहा कि सीटों के बंटवारे के साथ ही यह झगड़ा खत्म हो जाएगा.

Ranjana pandey