रांची:करम टोली की शीला झारखंड की बदलती पहचान,दीयों की रोशनी आत्मनिर्भरता की कह रही कहानी

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maiya yojna

रांची स्थित करम टोली चौक की शीला लिंडा झारखंड की बदलती पहचान हैं। दीयों की रोशनी अब उनके आत्मनिर्भर जीवन की कहानी कह रही है। हेमंत सरकार की मंईयां सम्मान योजना से मिली आर्थिक सहायता ने उन्हें स्वरोजगार का अवसर दिया। अब शीला लिंडा सैकड़ों महिलाओं के जीवन को रोशन कर रही हैं। इनके हाथों से बने दीये, मोमबत्तियां और लिफाफे पूरे झारखंड में वोकल फॉर लोकल की मिसाल बन चुके हैं। मुख्यमंत्री के नेतृत्व में राज्य सरकार की योजनाएं हर घर, हर जीवन में उम्मीद जगा रही है।झारखंड सरकार की यह योजना ग्रामीण और शहरी, दोनों क्षेत्रों की महिलाओं के लिए नयी दिशा दे रही है। जिन महिलाओं के पास पूंजी का अभाव था, वे अब इस योजना के माध्यम से अपने पैरों पर खड़ी हो रही हैं।शीला लिंडा कहती हैं, पहले लोग हमें कमजोर समझते थे, अब वही लोग हमारे काम की तारीफ करते हैं। मंईयां सम्मान योजना ने हम जैसी महिलाओं को नयी पहचान दी है।

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