रांची: आस्था का महापर्व छठ 17 नवम्बर से शुरू हो जायेगा. छठ व्रती जहां इसकी तैयारी में जुटे हैं, वहीं उनकी सुविधा के लिए सरकार की ओर से नगर निगम और जिला प्रशासन को भी बेहतर इंतजाम और पुख्ता सुरक्षा व्यवस्था करने का निर्देश दिया गया है. महापर्व के दौरान छठ व्रती धार्मिक परंपरा के अनुसार नदियों, बांधों और तालाबों में डूबते और उगते सूर्य को अर्घ्य देते हैं.आश्चर्य की बात तो यह है कि आस्था के इस महापर्व में महज दो दिन ही बचे हैं. लेकिन राजधानी के तालाबों की सफाई का काम अब भी अधूरा है. जबकि नगर निगम ने एक दिन पहले ही दावा किया था कि त्योहार के मद्देनजर शहर के तालाबों की सफाई का काम पूरा कर लिया गया है. लेकिन शहर के तालाबों की तस्वीरें सच्चाई बयां कर रही हैं. निगम के दावे खोखले साबित हुए.मालूम हो कि राजधानी के मुख्य बड़ा तालाब (रांची झील) पर हजारों की संख्या में महिला-पुरुष छठ मनाने आते हैं. लेकिन अभी तक इसकी सफाई पूरी नहीं हो सकी है. मुख्य सड़क के समीप लाइन तालाब में भी पूजन सामग्री फैली हुई है. पूजन सामग्री तालाब के अंदर तो है ही, तालाब के बाहर भी भरी हुई है। अगर जल्द ही इसकी सफाई नहीं करायी गयी तो छठ व्रतियों को काफी परेशानी होगी.कुछ ऐसी ही स्थिति टेकर स्टैंड के पास तालाब की भी है. तालाब में विसर्जित की गई मूर्ति के अवशेष पूजन सामग्री सहित आज भी तालाब में पड़े हुए हैं। जिसकी सफाई बहुत जरूरी है. ऐसे में छठवर्तियों को काफी परेशानी होगी.



