झारखण्ड : भाजपा नेता प्रतिपक्ष बाबूलाल मरांडी ने एक्स पर एक गंभीर मामले को लेकर चिंता जताई है. गोड्डा से एक बेहद व्यथित कर देने वाली घटना सामने आई है…एक पिता ने शिक्षा के उद्देश्य से अपनी बच्ची का दाख़िला मदरसे में करवाया और एक दिन अचानक उन्हें बुलाकर यह सूचना दी गई कि उनकी बेटी ने आत्महत्या कर ली है। मात्र 13 वर्ष की मासूम बच्ची के बारे में यह कहा गया, जबकि उसके पिता का साफ कहना है कि उनकी बेटी पहले से ही बहुत डरी-सहमी रहती थी और परिस्थितियों से स्पष्ट है कि यह आत्महत्या नहीं, बल्कि दुष्कर्म व हत्या का मामला है।मदरसे के लोगों द्वारा जिस तरह का व्यवहार बच्ची के परिजनों के साथ किया गया, वह उनकी असंवेदनशीलता को साफ़ दर्शाता है और यह भी स्पष्ट करता है कि संभवतः दुष्कर्म और हत्या की इस घटना में ज़िम्मेदार लोगों को बचाने की कोशिश की जा रही है।यह घटना मदरसे में पढ़ रही अन्य बच्चियों की सुरक्षा को लेकर भी गंभीर चिंता उत्पन्न करती है। एक घटना तो सामने आई है, लेकिन यह सोचकर ही सिहरन होती है कि वहाँ पढ़ने वाली अन्य बच्चियाँ किस भय और आशंका के बीच जीवन बिता रही होंगी।जो लोग इस जघन्य कृत्य के पीछे हैं, उन्हें क़ानून का कोई भय प्रतीत नहीं होता, क्योंकि सभी जानते हैं कि जब बात तुष्टिकरण की आती है, तो सरकार को घुटनों पर ले आना बहुत आसान हो जाता है।जिस सरकार के मंत्री केवल राजनीतिक लाभ के लिए एक आदिवासी महिला के साथ दुष्कर्म का प्रयास करने वाले के घर मुआवज़ा देने पहुँच जाते हों, उनसे अपराधियों को कैसा भय होगा?जहां तक जानकारी मिल रही है कि घटना के 15 दिन बीत जाने के बाद भी इस मामले में कारवाई नगण्य है और उल्टा लीपापोती कर मामले को रफ़ा दफ़ा करने का प्रयास किया जा रहा है। फिर भी, मैं सरकार और पुलिस से कहना चाहूँगा कि इस पूरे मामले की निष्पक्ष जाँच कर सच्चाई को सामने लाया जाए। यदि छोटी-छोटी बच्चियाँ शिक्षा के नाम पर चल रहे किसी संस्थान में भी सुरक्षित नहीं हैं, तो अविलंब इस पर कठोरतम कार्रवाई होनी चाहिए।