झारखंड में नई नियोजन नीति (planning policy) में किए जाएंगे बड़े बदलाव

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Ranchi: झारखण्ड (jharkhand) हाईकोर्ट के फैसले पर नियोजन नीति (planning policy) 2021 में तेजी से संशोधन किया जा रहा है। झारखंड के सरकारी दफ्तरों में इसकी फाइलें दौड़ते हुए देख आशंका जताई जा रही है कि एक-डेढ़ महीने के भीतर ही संशोधित नियोजन नीति (planning policy) जनता के सामने पेश कर दी जाएगी। बता दें कि मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने विधानसभा में युवाओं को ये दावा किया है कि सरकार युवाओं की इच्छा के खिलाफ नहीं जाएगी।और सरकार युवाओं की मांग के मुताबिक ही नियोजन नीति बनाएगी।

नई नीति में शामिल किए जाने वाले महत्वपूर्ण प्रावधानों और 2021 में लाई गई नीति में से हटाए जाने वाले प्रावधान

2021 की नीति में क्षेत्रीय भाषा के पत्र के रूप में हिंदी को मान्यता नहीं दी गई थी लेकिन हिंदी को भी क्षेत्रीय भाषा की मान्यता मिलेगी। हिंदी को क्षेत्रीय भाषा के वैकल्पिक पत्र में जगह दी जाएगी। उर्दू को भी क्षेत्रीय भाषा की सूची में शामिल किया जाएगा। बता दें कि उर्दू पहले से ही क्षेत्रीय भाषा की सूची में शामिल हैं। झारखंड (jharkhand) के ही शैक्षणिक संस्थानों से 10 वीं व 12वीं परीक्षा पास करने कि अनिवार्यता को हटा दिया जाएगा। परीक्षाओं में स्थानीय लोगों को प्राथमिकता देने को लेकर स्थानीय रीति-रिवाज, परंपरा की जानकारी की शर्त नई नीति में लागू रहेगी।इसका स्वरूप कैसा होगा, इसपर मंथन चल रहा है। कोशिश की जा रही है कि एक माह के भीतर ही नई नियोजन नीति (planning policy) तैयार कर लिया जाए इसके लिए छत्तीसगढ़,राजस्थान,उड़ीसा आदि राज्यों की नियमावली का भी अध्ययन किया जा रहा है। इस पर कैबिनेट की स्वीकृति भी ली जायेगी। नई नीति बनने के बाद नये सिरे से कर्मचारी चयन आयोग नियुक्ति के लिए विज्ञापन जारी की जाएगी।

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