धनबाद: राष्ट्रीय स्वच्छ वायु कार्यक्रम के तहत 2019 में केंद्र द्वारा चयनित खराब वायु गुणवत्ता वाले 102 शहरों में धनबाद भी शामिल है.कार्यक्रम का लक्ष्य 2024 तक हवा में पार्टिकुलेट मैटर (पीएम-10) और पीएम-2.5 की सांद्रता को 30 प्रतिशत तक कम करना है।झारखंड राज्य प्रदूषण बोर्ड (जेएसपीसीबी) के सदस्य सचिव वाईके दास ने कहा कि हालांकि बोर्ड द्वारा उठाए गए विभिन्न उपायों के कारण पिछले कुछ वर्षों में जिले में वायु गुणवत्ता में सुधार हुआ है, लेकिन नई हार्ड या सॉफ्ट कोयला इकाइयां स्थापित करने पर प्रतिबंध रहेगा।झारखंड के धनबाद जिले में वायु प्रदूषण से निपटने के लिए एक अक्टूबर से नई हार्ड या सॉफ्ट कोयला इकाइयां स्थापित करने पर रोक लग जायेगी.राज्य प्रदूषण बोर्ड के एक अधिकारी ने यह जानकारी दी.झारखंड राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (जेएसपीसीबी) ने इस संबंध में सप्ताह की शुरुआत में एक आदेश जारी किया था.दास ने कहा कि यह एक अस्थायी रोक है.उन्होंने कहा कि जब तक धनबाद जिले में वायु गुणवत्ता सूचकांक केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा निर्धारित सीमा के अंदर नहीं आ जाता, तब तक प्रतिबंध जारी रहेगा.उन्होंने कहा कि इस आदेश का जिले में मौजूदा हार्ड या सॉफ्ट कोयला इकाइयों पर कोई असर नहीं पड़ेगा.उन्होंने कहा कि ये इकाइयां दिशा-निर्देशों के अनुरूप कार्य करती रहेंगी।धनबाद के इंडस्ट्रीज एंड कॉमर्स एसोसिएशन (आईसीए) के अनुसार, जिले में लगभग 125 हार्ड और 25 सॉफ्ट कोयला इकाइयाँ हैं।आईसीए अध्यक्ष बीएन सिंह ने कहा कि इस फैसले का असर हार्ड कोल इकाइयों पर नहीं पड़ेगा.उन्होंने कहा कि कोयले की आपूर्ति में कमी के कारण उद्योग पहले ही बुरे दौर से गुजर रहा है. कुल 125 में से केवल 90 इकाइयां ही वर्तमान में चालू हैं।



