भाजपा नेता प्रतिपक्ष बाबूलाल मरांडी ने एक्स पर लिखा राहुल गांधी का कथित ‘हाइड्रोजन बम’ पूरी तरह से फुस्स साबित हुआ है। जनता का विश्वास खो चुकी कांग्रेस अब देश की संवैधानिक संस्थाओं और लोकतांत्रिक व्यवस्थाओं पर आरोप लगाकर अराजकता फैलाने की कोशिश कर रही है।विदेशी शक्तियों के हाथ की कठपुतली बने राहुल गांधी अपने नापाक मंसूबों में कभी सफल नहीं हो पाएंगे। उनकी हालत अब खिसियानी बिल्ली खंभा नोचे जैसी हो गई है।राहुल जी, चुनाव प्रबंधन कोई एक दिन का काम नहीं है, यह एक सतत प्रक्रिया है। हर चुनाव से पहले मतदाता सूची का अद्यतन होता है। नए मतदाताओं को पंजीकृत करने, मृत व्यक्तियों के नाम हटाने, स्थानांतरित या दोहरे पंजीकरण को रद्द करने की व्यवस्था बिल्कुल पारदर्शी और सार्वजनिक सूचना के माध्यम से की जाती है। या तो आप इन बुनियादी प्रक्रियाओं को समझना नहीं चाहते या फिर आपमें समझने की परिपक्वता ही नहीं है।अब इतना तो समझ लेना चाहिए कि जनादेश का सम्मान करना ही लोकतंत्र की असली ताकत है। जनादेश का अपमान बंद कीजिए और जनता के निर्णय को स्वीकार करना सीखिए।जब कांग्रेस चुनाव जीतती है, तो सब कुछ ठीक होता है, लेकिन जब वे हारते हैं, तो असंतोष फैलाते हैं और संस्थाओं को कमजोर करते हैं। बेहतर होगा कि वे पार्टी को मजबूत करने, एक जिम्मेदार विपक्ष बनने, विनम्रता विकसित करने और सुधार पर काम करने पर ध्यान केंद्रित करें।
बता दें की राहुल गांधी द्वारा कांग्रेस वोटर्स के नाम काटने के आरोप पर भारत के चुनाव आयोग ने ट्वीट किया है कि, “लोकसभा के नेता राहुल गांधी द्वारा लगाए गए आरोप गलत और निराधार हैं। किसी भी वोट को जनता के किसी भी सदस्य द्वारा ऑनलाइन नहीं हटाया जा सकता है, जैसा कि राहुल गांधी ने गलत धारणा बनाई है। प्रभावित व्यक्ति को सुनवाई का अवसर दिए बिना कोई भी विलोपन नहीं हो सकता है। 2023 में, अलंद विधानसभा क्षेत्र में मतदाताओं को हटाने के कुछ असफल प्रयास किए गए थे और मामले की जांच के लिए ईसीआई के प्राधिकारी द्वारा स्वयं एक प्राथमिकी दर्ज की गई थी। रिकॉर्ड के अनुसार, अलंद विधानसभा क्षेत्र 2018 में सुभाध गुट्टेदार (भाजपा) और 2023 में बीआर पाटिल (कांग्रेस) ने जीता था।”