6 अक्टूबर को UCC के खिलाफ दिल्ली के जंतर मंतर में देशभर के आदिवासी देंगे धरना

Estimated read time 1 min read

दिल्ली: समान नागरिक संहिता के खिलाफ अब आदिवासी मोर्चा खोलने की तैयारी में हैं, जिसमें अलग-अलग आदिवासी संगठन 6 अक्टूबर को दिल्ली में जुटेंगे.6 अक्टूबर को दिल्ली के जंतर मंतर में देशभर के आदिवासी धरना देंगे यह जानकारी आदिवासी समन्वय समिति, आदिवासी महासभा, अखिल भारतीय आदिवासी विकास परिषद और आदिवासी जन परिषद ने संयुक्त रूप से दी.इस दौरान आदिवासियों ने एक स्वर में कहा कि केंद्र सरकार यूसीसी के जरिये आदिवासियों का अस्तित्व खत्म करना चाहती है.यूसीसी को लेकर वैसे तो देशभर में अलग-अलग राय है, लेकिन सवाल उठता है कि आदिवासी समाज इसके इतना खिलाफ क्यों है.यूसीसी लागू होने से सभी नागरिकों के लिए एक समान कानून हो जाएगा।आदिवासी लोगों को डर है कि इससे उनकी परंपराएं नष्ट हो जाएंगी. विभिन्न आदिवासी समुदायों की अलग-अलग परंपराएँ हैं।उदाहरण के लिए, आदिवासी समुदायों में पुरुष कई महिलाओं से शादी कर सकते हैं।कुछ जगहों पर एक महिला द्वारा कई पुरुषों से शादी करने का रिवाज है।कुछ जनजातीय समुदायों में मातृसत्तात्मक व्यवस्था होती है।मातृवंशीय का अर्थ है बेटी को संपत्ति का उत्तराधिकारी बनाना।आदिवासी समाज की कई परंपराएं हैं जो यूसीसी के आने से खत्म हो सकती हैं.यही कारण है कि आदिवासी समुदाय यूसीसी का विरोध कर रहे हैं.यहां बता दें कि आदिवासी समाज में कई परंपराएं हैं, उनका मानना है कि यूसीसी आने से उनकी परंपराएं खत्म हो सकती हैं.यही कारण है कि आदिवासी समुदाय यूसीसी का विरोध कर रहे हैं.वहीं विपक्ष भी यूसीसी को लेकर शुरू से ही बीजेपी पर हमलावर नजर आ रहा है और इसकी सबसे बड़ी वजह विपक्ष की चुनावी रणनीति है.लोकसभा की 543 सीटों में से 62 सीटों पर आदिवासी समुदाय का प्रभाव है.इसके अलावा एसटी के लिए 47 सीटें आरक्षित हैं.2019 में बीजेपी ने एसटी के लिए आरक्षित 47 सीटों में से 31 सीटें जीतीं.

You May Also Like

More From Author

+ There are no comments

Add yours