स्वतंत्रता दिवस की पूर्व संध्या पर शुक्रवार को राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने राष्ट्र के नाम अपने संबोधन में कहा कि इस वर्ष स्वतंत्रता दिवस के उत्सवों में हमेशा की तरह धूम-धाम नहीं होगी। इसका कारण सभी को पता ही है। पूरी दुनिया एक ऐसे घातक वायरस से जूझ रही है जिसने जन-जीवन को भारी क्षति पहुंचाई है और हर प्रकार की गतिविधियों में बाधा उत्पन्न की है। इस दौरान उन्होंने चीन को भी संदेश देते हुए कहा कि जो अशांति उत्पन्न करेगा, उसे माकूल जवाब दिया जाएगा।
राष्ट्रपति ने स्वतंत्रता दिवस की पूर्व संध्या पर चीन का नाम लिए बगैर सीमा विवाद का जिक्र करते हुए कहा कि आज जब हम सभी लोगो को विश्व समुदाय के समक्ष आई सबसे बड़ी चुनौती से एकजुट होकर संघर्ष करने की आवश्यकता है, तब हमारे पड़ोसी ने अपनी विस्तारवादी गतिविधियों को चालाकी से अंजाम देने का दुस्साहस किया। सीमाओं की रक्षा करते हुए, हमारे बहादुर जवानों ने अपने प्राण न्योछावर कर दिए। उन्होंने कहा कि भारत माता के वे सपूत, राष्ट्र गौरव के लिए ही जिए और उसी के लिए मर मिटे। पूरा देश गलवान घाटी के बलिदानियों को नमन करता है और हर भारतवासी के हृदय में उनके परिवार के सदस्यों के प्रति कृतज्ञता का भाव है। उनके शौर्य ने यह दिखा दिया है कि यद्यपि हमारी आस्था शांति में है, फिर भी यदि कोई अशांति उत्पन्न करने की कोशिश करेगा तो उसे माकूल जवाब दिया जाएगा।