19 सितंबर को राज्यसभा में कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा ”अनुसूचित जाति की महिलाओं की साक्षरता दर कम है और यही कारण है कि राजनीतिक दलों को कमजोर महिलाओं को चुनने की आदत है और वे उन लोगों को नहीं चुनते जो शिक्षित हैं और लड़ सकती हैं .अनुसूचित जाति की महिलाओं की साक्षरता दर कम है और यही कारण है कि राजनीतिक दलों को कमजोर महिलाओं को चुनने की आदत है और वे उन लोगों को नहीं चुनते जो शिक्षित हैं और लड़ सकती हैं”.खड़गे के इस टिपण्णी पर वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे के बयान पर निशाना साधा”हम विपक्ष के नेता का सम्मान करते हैं लेकिन यह व्यापक बयान देना कि सभी पार्टियाँ उन महिलाओं को चुनती हैं जो प्रभावी नहीं हैं, बिल्कुल अस्वीकार्य है। प्रधानमंत्री जी, हम सभी को हमारी पार्टी ने सशक्त बनाया है। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू एक सशक्त महिला हैं…” वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के करारे जवाब पर राज्यसभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खरगे ने कहा, ”पिछड़े, एसटी की महिलाओं को ऐसे मौके नहीं मिलते जो उन्हें मिल रहे हैं, हम ये कह रहे हैं…”
केंद्रीय कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने मंगलवार (18 सितंबर) को नए संसद भवन में सदन की कार्यवाही के पहले दिन महिला आरक्षण विधेयक पेश किया।संविधान (एक सौ अट्ठाईसवां संशोधन) विधेयक, 2023 विधेयक का उद्देश्य लोकसभा और राज्य विधानसभाओं में महिलाओं की भागीदारी बढ़ाना है।कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल द्वारा 128वां संशोधन विधेयक यानी महिला आरक्षण विधेयक पेश करने के बाद लोकसभा में विपक्षी सदस्यों ने सदन में हंगामा शुरू कर दिया. विपक्षी सांसदों ने कहा कि उन्हें विधेयक की प्रतियां नहीं दी गईं।पीएम मोदी ने महिला आरक्षण बिल को नारी शक्ति वंदन अधिनियन नाम दिया है. उन्होंने कहा कि इस बिल से लोकतंत्र मजबूत होगा और लोकसभा में महिलाओं की भागीदारी बढ़ेगी. इसमें SC, ST के लिए एक तिहाई आरक्षण का प्रावधान है. कल महिला आरक्षण बिल पर चर्चा के बाद इसे फिर पारित किया जाएगा.
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