जामा विधानसभा सीट से झारखंड मुक्ति मोर्चा की विधायक सीता सोरेन ने द्रोपदी मुर्मू जी से मिलकर महिला सशक्तिकरण की दिशा में एक सारगर्भित व दूरदर्शी कदम उठाते हुए संसद में महिलाओं के 50 फीसदी भागीदारी सुनिश्चित करने की दिशा में संसद का मार्गदर्शन करने का अनुरोध किया।बता दें कि सीता सोरेन झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की भाभी और शिबू सोरेन की बहू हैं। वहीँ आज कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने सदन में यह विधेयक पेश किया है। इसमें महिलाओं के लिए लोकसभा और विधानसभाओं में 33 फीसदी आरक्षण का एलान किया गया। बताया गया है कि लोकसभा में अब महिलाओं के लिए 181 सीटें आरक्षित होंगी।
सीता सोरेन ने पत्र में लिखा
जहां नारी की पूजा होती है, वहां देवता निवास करते है। भारतीय सनातन परंपरा, संस्कारों व उन संस्कारों को भारतीयों के रोम रोम में समाहित करने वाले वेद-उपनिषद् – पुराण इन मूल्यों से संपुष्ट नारी सशक्तिकरण के आदर्श पर आदिकाल से निर्देशित करते रहे हैं। परंतु विडंबना व दुर्भाग्यपूर्ण है वर्तमान भारत में आज भी नारी की सशक्तिकरण की अत्यंत आवश्यकता परिलक्षित हो रही है। महोदया, विगत में घटित घटनाएं इन विषयों को इंगित करती है। मनीपुर, राजस्थान सहित देश के अन्य भागों में महिलाओ के साथ हुए दुर्वव्यहार, अभद्र व्यवहार की प्रकाष्ठा जिसने न केवल मानवता को शर्मसार किया बल्कि नारी सशक्तिकरण की दिशा में नई उर्जा, नई सोच के साथ नवीन उपायों पर पुनर्विचारो को बाध्य भी करती है। विशेषकर, अनुसूचित जाति-जनजाति की महिलाओं में व्याप्त असुरक्षा की भावना व उनके साथ होने वाली हृदयविरादक पीड़ाओं से मुक्त कर उन्हे सशक्त करने को देशव्यापी विचार कार्यकरण की आवश्यकता है।नारी सशक्तिकरण को लेकर महिला एवम बाल विकास कल्याण मंत्रयालय व भारत सरकार इन उम्मीदों में निम्न योजनाएं चला रही है- बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ .
इन समस्त विवेचित योजनाओं, नियमों, अधिनियमों के बाबुजूद पूर्व में वर्णित व अनुसूचित जाति जनजाति वर्ग की महिलाओ का विकास दर कुछ और कठोर निर्णयों व विधानों पर विचार को आवश्कता महसूस कराते हैं। महामहिम, इस दिशा में एक उल्लेखनीय कदम होगा, संसद में महिलाओं की भागीदारी को 50 प्रतिशत आरक्षण के साथ सुनिश्चित करने की। जब इन महिलाओं की भागीदारी संसद में मजबूती से उपस्थित होगी, इसका व्यापक प्रभाव समस्त भारतीय समाज पर न्यायोचित दिशा में होगा।विदित हो महाराष्ट्र, झारखंड, आंध्र प्रदेश बिहार, केरल आदि राज्यों ने स्थानीय निकायों में महिलाओ के लिए 50 फीसदी आरक्षण का प्रावधान किया है। इस संदर्भ में महोदया का ध्यान आकर्षित कराना चाहूंगी, ग्लोबल जेंडर रिपोर्ट में भारत राजनीतिक अधिकारिता (संसद) मे महिला प्रतिशत v मंत्रीपद) में भारत 146 देशों में 46 वें स्थान पर है। भारतीय निर्वाचन आयोग के नवीनतम आंकड़ों के अनुसार महिला प्रतिनिधि संसद मे 10.5% है।वर्णित आंकड़ों पर दृष्टिपात पश्चात महामहिम से विनम्र निवेदन है महिला सशक्तिकरण की दिशा में एक सारगर्भित व दूरदर्शी कदम उठाते हुए संसद में महिलाओं की 50% भागीदारी सुनिश्चित कराने की दिशा में संसद का मार्गदर्शन किया जाए।”जो श्रेष्ठ नारी-श्रेष्ठ समाज श्रेष्ठ भारत के लिए स्वर्णिम परिणाम वाला होगा।” निवेदन है।


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