मध्य प्रदेश-महाराष्ट्र सीमा पर स्थित सेंधवा शहर में गुरुवार को हिंसा भड़क उठी, क्योंकि राष्ट्रीय राजमार्ग 3 पर ट्रैफ़िक जाम होने के बाद हज़ारों प्रवासी कामगार युद्ध की भेंट चढ़ गए। प्रवासियों ने आरोप लगाया कि मध्य प्रदेश सरकार ने भोजन की कोई व्यवस्था नहीं की है और ना ही उनके लिए परिवहन की । घटनास्थल से सेलफोन वीडियो में सैकड़ों लोग दिखाई दिए, चिल्ला रहे थे और राजमार्ग के किनारे कंधे पर चल रहे थे। घटनास्थल से रिपोर्ट में कहा गया कि उन्होंने घटनास्थल पर तैनात पुलिस पर पत्थर फेंके।
“यहां के लोग के बच्चों के साथ यात्रा कर रहे हैं। महाराष्ट्र सरकार ने हमें यहां तक भेजा है, लेकिन MP सरकार हमारी कोई मदद नहीं कर रही है। हम कल रात से भूखे-प्यासे यहां हैं। मध्य प्रदेश क्र रहने वाले शैलेश त्रिपाठी ने कहा जो की पुणे में काम करते है । जिस इलाके में वे थे वो जंगल था और वहां कोई सुरक्षा नहीं थी।
जिला कलेक्टर अमित तोमर ने कहा कि पथराव हुआ, क्योंकि बसों के चले जाने के बाद कुछ प्रवासियों ने महसूस किया कि पीछे छूटे लोगों के लिए कोई और वाहन नहीं होगा, लेकिन हमने उन्हें आश्वस्त किया और उन्हें शांत किया। उन्होंने कहा कि सीमा से 135 बसों में विभिन्न जिलों में प्रवासियों को भेजा गया था।
अधिकारी ने कहा, “अपने स्वयं के वाहनों में आने वाले मजदूरों को भोजन, पानी, आश्रय जैसी सुविधाएं प्रदान की जा रही हैं या अन्य संप्रदायों के माध्यम से और महाराष्ट्र की सीमा से पैदल मध्य प्रदेश में प्रवेश करने वाले अन्य लोगों को बसों की सुविधा प्रदान कर रहे हैं।”