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जेल में बन रहे है मास्क और सेनिटाइजर, 10 जिलों हो रहा उत्पादन

कोरोना से जूझ रहे कई देशों के बिच भारत भी इस समस्या से परेशान है और चिंता का प्रमुख विषय तो ये बन रहा है की लोगो को भारी मात्रा में मास्क और सेनिटाइजर की ज़रूरत पड़ रही है । इस मुसीबत के वक्त सभी लोग एक जुट होकर COVID -19 से लड़ने में एक दूसरे का साथ दे रहे है। ख़ुशी की बात तो ये है की इस लड़ाई में जेल में बंद सजाफ्ता कैदियों ने भी अपना योगदान देना शुरू कर दिया है। पशासन की पहल पर राज्य के जेलों में काफी मात्रा में मास्क का निर्माण किया जा रहा है । फिलहाल राज्य के 10 जेलों में मास्क निर्माण का कार्य जोर-शोर से चल रहा है।
बिना शुल्क के जेल प्रशासन 10 हज़ार मास्क अलग अलग जिलों के पुलिस कर्मचारियों और रिम्स को उपलब्ध करा चूका है। जेल प्रशासन की ओर से राज्य के पांच सेंट्रल जेल रांची, हजारीबाग, दुमका, पलामू और घाघीडीह जमशेदपुर में सबसे पहले मास्क का उत्पादन शुरू किया गया। उसके बाद देवघर और गिरिडीह में फिर खूंटी, गुमला और सिमडेगा जेल में मास्क निर्माण का काम होने लगा।ऐसा माना जा रहा है की अगर संभव हुआ तो आम नागरिको को भी इसकी सुविधा दी जाएगी ।

The News Mirchi के अनुसार आपदा की इस घड़ी में सखी मंडल की महिलाए दाल भात कैंटीन का भी संचालन कर रही हैं ताकि जरुरतमंद लोगों को भरपेट भोजन मिल सके। पलामू जिले की सखी मंडल की महिलाओं ने करीब 6500 हैंड सेनिटाइजर एवं 21000 मास्क का उत्पादन किया है, वहीं पूरे राज्य में अब तक 75000 से ज्यादा मास्क एवं करीब 25,000 बोतल सेनिटाइजर का निर्माण कर चुकी हैं। गिरिडीह की जिला इकाईं द्वारा जिले के सारे प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों को नि:शुल्क 5 लीटर सेनिटाइजर एवं 200 मास्क उपलब्ध कराया गया है।

The News Mirchi की रिपोर्ट के अनुसार कोरोना के खिलाफ लड़ाई में ग्रामीण विकास विभाग के तहत झारखंड स्टेट लाइवलीहुड प्रमोशन सोसाईटी संपोषित सखी मंडल की महिला हर मोर्चे पर अपना योगदान दे रही है । गरीब परिवारों को चावल उपलब्ध कराने से लेकर भूखे लोगों को खाना भी खिलाती है, साथ ही साथ सैकड़ों की तादाद में ग्रामीण महिलाएं मास्क और सेनिटीजर निर्माण कर अपने लोगो और देश की सहायता कर रही है ।

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