बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने सोशल मीडिया पर की जा रही अपनी सरकार की कथित तौर पर आलोचना को लेकर नाराजगी जताई है।
मुख्यमंत्री नीतीश ने कहा कि- ‘घर में बैठकर कुछ भी ट्वीट कर देना फैशन हो गया है, वह भी बिना जाने कि क्या उपलब्धि हासिल की गई है। लोगों को उनकी उपलब्धि बेहतर तरीके से समझने के लिए उनके सत्ता में आने से पहले की राज्य की दयनीय हालत पर गौर करना चाहिए। हमारी युवा पीढ़ी को यह जानना चाहिए कि 15 वर्ष पहले के हालात कैसी थी ।’ उन्होंने कहा कि,- ‘मैं अपने अधिकारियों से भी लगातार कहता रहता हूं। गड्ढों की वजह से शायद ही सड़क दिखाई देती थी। बिजली आपूर्ति की दयनीय स्थिति थी, जिसे हमने बदल दिया है।’
दरअसल COVID-19 संक्रमण से निपटने से बाढ़ और पुलों के संपर्क पथ के टूटने को लेकर मुद्दा बनाकर सोशल मीडिया में बिहार सरकार की काफी आलोचना हुई। उल्लेखनीय है कि नेता प्रतिपक्ष सह राजद नेता तेजस्वी यादव, लोक जनशक्ति पार्टी प्रमुख चिराग पासवान, जपा नेता पप्पू यादव और प्रशांत किशोर विभिन्न मुद्दों को लेकर नीतीश सरकार के खिलाफ लगातार सोशल मीडिया पर एक्टिव हैं।